देहरादून।
राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान, देहरादून के विशेष शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) से मान्यता प्राप्त दो दिवसीय (6-7 मार्च) राष्ट्रीय स्तरीय निरंतर पुनर्वास शिक्षा (CRE) कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के अष्टावक्र सभागार में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय “समावेशी शिक्षा: भविष्य की संभावनाएँ” है।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों एवं शिक्षाविदों—श्री अमित कुमार शर्मा (प्रधानाचार्य, एमएसवीएच), डॉ. विनोद केन (विभागाध्यक्ष, विशेष शिक्षा एवं अनुसंधान), सहायक प्राध्यापक डॉ. सुनील शिरपुरकर, डॉ. पंकज कुमार, एवं डॉ. रेवती द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
अपने संबोधन में, डॉ. सुनील शिरपुरकर ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सभी प्रतिभागियों को इस ज्ञानवर्धक सत्र का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. पंकज कुमार ने समावेशी शिक्षा की व्यापकता को रेखांकित करते हुए कहा कि समावेशन केवल दिव्यांग बच्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए प्रासंगिक है। डॉ. विनोद केन ने समावेशी शिक्षा की प्रभावशीलता और इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर विस्तार से प्रकाश डाला, जबकि श्री अमित शर्मा ने समावेशन के सांस्कृतिक एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसके महत्व को रेखांकित किया। इस दो दिवसीय CRE कार्यक्रम के अंतर्गत समावेशी शिक्षा की भविष्य में संभावनाओं, उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं एवं चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
इस आयोजन में संस्थान के विशेष शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के छात्र-छात्राओं सहित देशभर से आए प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. सुनील शिरपुरकर द्वारा किया गया, जिसमें संस्थान के प्रमुख शिक्षाविद—श्री अमित शर्मा, डॉ. विनोद केन, डॉ. पंकज कुमार एवं डॉ. रेवती डी. उपस्थित रहे।