चीन के लिए जासूसी के आरोपी फ्रीलांस जर्नलिस्ट राजीव शर्मा को शुक्रवार को जमानत मिल गई। दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किए गए फ्रीलांस जर्नलिस्ट राजीव शर्मा को पैसों के बदले में चीनी खुफिया अधिकारियों को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी प्रदान करने के आरोप में जमानत दे दी।
राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि रक्षा संबंधी अहम गोपनीय सूचनाएं चीनी खुफिया एजेंसी को देकर उन्होंने डेढ़ साल में 40 लाख रुपये कमाए थे। राजीव शर्मा को प्रत्येक सूचना के बदले 1000 डॉलर मिलते थे। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया था कि राजीव शर्मा चीनी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में रक्षा मामलों पर लेख लिखते थे और वर्ष 2016 में चीनी एजेंट के संपर्क में आए थे। वह कुछ चीनी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में भी थे।
वह 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी देने में शामिल थे। इसके लिए वह विभिन्न देशों में कई स्थानों पर चीनी खुफिया अधिकारियों से भी मिलते थे। इन मीटिंग्स में भारत-चीन सीमा मुद्दे पर, सीमा पर सेना की तैनाती और सरकार द्वारा तैयार रणनीति आदि की जानकारी साझा की जाती थी।