चमोली। आपदाग्रस्त जोशीमठ के डेंजर जोन में भूधंसाव के कारण खतरा बने दो होटलों मलारी और माउंट व्यू के बहुमंजिला भवन गिराने (डिस्मेंटलिंग) का काम तीसरे दिन रविवार को भी जारी है। होटलों के ऊपरी मंजिल की चौखटें निकाल ली गई हैं। आपदा प्रबंधन की टीम रविवार को जोशीमठ क्षेत्र का दौरा करने पहुंच गई है। टीम की अगुआई सचिव आपदा प्रबंधन डा सिन्हा कर रहे हैं।
टीम के सदस्यों में अपर सचिव आपदा प्रबंधन आनंद श्रीवास्तव व सबिन बंसल, उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन संस्थान के निदेशक डा शांतनु सरकार शामिल हैं।
इसके अलावा पीएमओ सचिव आइएएस मंगेश घिल्डियाल भी टीम का हिस्सा हैं। यह टीम स्थानीय प्रशासन के साथ विभिन्न विषयों पर मंथन करेगी।
वहीं हाईवे पर स्थित दो और होटल कामेट लाज व स्नो क्रिस्ट भूधंसाव के कारण झुक गए हैं और इन होटलों को खाली करने का क्रम शुरू हो गया है। बदरीनाथ हाईवे पर कुछ दिन पहले भरी गई दरारें चौड़ी होकर फिर उभर आईं हैं।
औली रोपवे के टावरों के आसपास भी दरारें निरंतर बढ़ रही हैं। भवनों में भी नई दरारें आने और पुरानी दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी का क्रम जारी है। इस सबसे आमजन के साथ शासन, प्रशासन और सरकार के माथे पर चिंता के बल भी बढ़ गए हैं।
नगर पालिका कर्णप्रयाग के अंतर्गत भूधंसाव प्रभावित बहुगुणानगर वार्ड के आठ परिवारों ने सुरक्षित स्थान पालिका के रैन बसेरे में शिफ्ट किए जाने से पहले मुआवजा देने की मांग की है। तीन परिवारों ने शिफ्ट होने से इन्कार कर दिया है।
बहुगुणानगर वार्ड में 28 भवनों में दरारें हैं। प्रशासन की संयुक्त टीम के निरीक्षण में यहां के आठ भवनों में ज्यादा दरारें पाई गई और आठ परिवारों को यहां से शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह देव ने बताया लगातार भूधंसाव वाले क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। फिलहाल कोई भी परिवार रैन बसेरे में स्थायी तौर पर शिफ्ट नहीं हुआ है।