ऋषिकेश। मुनी की रेती थाना अंतर्गत शीशम झाड़ी क्षेत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से ऑटो ड्राइवर की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने बेटे की मौत पर झोलाछाप के क्लीनिक में जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक में ताला लगाकर मौके से फरार हो गया। वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया है। परिजनों के मुताबिक, सोमवार की सुबह सुनील पाल (35) निवासी गली नंबर 12 शीशम झाड़ी के पेट में अचानक दर्द हुआ। इलाज के लिए परिजन सुनील को लेकर पास में ही क्लीनिक चलाने वाले तथाकथित बंगाली डॉक्टर के पास पहुंचे। क्लीनिक में पीड़ित को दवाई और दो इंजेक्शन लगाए गए। परिजनों का आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के कुछ देर बाद ही सुनील की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। घर के बाहर सुनील ने उल्टी भी कर दी।
सुनील की मौत पर गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में जाकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद झोलाछाप क्लीनिक पर ताला जड़कर मौके से फरार हो गया। मृतक की पत्नी रीता पाल ने बताया कि उनके पति की मौत में सीधे-सीधे झोलाछाप की लापरवाही है। इसके लिए उन्होंने प्रशासन से झोलाछाप की जांच कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
डॉक्टर पर गलत इंजेक्शन और दवाइयां देने का आरोप
हालत बिगड़ने पर परिजन सुनील को लेकर पहले एक प्राइवेट अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने सुनील को राजकीय चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया। राजकीय चिकित्सालय के डॉक्टरों ने चेकअप के बाद सुनील को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन और गलत दवाइयां देने से ही सुनील की मौत हुई है।
परिजनों ने पुलिस को नहीं दी तहरीर
वहीं, कैलाश गेट चौकी प्रभारी योगेश पांडे ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पुलिस ने परिजनों से भी पूछताछ की है। फिलहाल, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस मामले में अग्रिम कार्रवाई करेगी। वहीं, खबर लिखे जाने तक परिजनों की ओर से कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं