सिकल सेल रोग की रोकथाम हेतु आवश्यक है सिकल सेल जांच: डॉ0 मनोज कुमार शर्मा

देहरादून।

विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस के अवसर पर गुरूवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में राज्य नर्सिंग कॉलेज, के छात्रा-छात्राओं एवं शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकत्रियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में डीईआईसी से डॉ0 हर्षवर्धन खुराना द्वारा प्रतिभागियों को सिकल सेल अनीमिया रोग, रोग के प्रकार, रोग के संचरण तथा रोग की जांच के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।

कार्यशला को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि सिकल सेल अनीमिया एक अनुसांशिक रोग है। जो मुख्य रूप से जनजातीय क्षेत्र के निवासियों में पाया जाता है। इस रोग में रक्त में उपस्थित लाल रक्त कोशिकाओं का आकार असामान्य हो जाता है। जिससे शरीर में जटिल विकार उत्पन्न होते हैं, जो जानलेवा भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह रोग सिकल सेल रोगी माता पिता से बच्चों में अनुवांशिकीय रूप से संचरण करता है। इसलिए ऐसे सभी संभावित लाभार्थियों का अनिवार्य सिकल सेल जांच की जाती है। यह रोग पीढ़ीगत रूप से आने ना बढ़े इस हेतु सभी जनजातीय क्षेत्र के निवासियों को विवाह से पूर्व यह जांच अवश्य करानी चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन नर्सिंग ट्यूटर अनीता पुरोहित द्वारा किया गया। कार्यशाला में मुख्य चिकित्स अधिकारी के अतिरिक्त संयुक्त निदेशक डॉ0 अजय नगरकर, चिकित्सा अधिकारी डॉ0 एनके त्यागी, ब्लड सेल उत्तराखण्ड के कंसल्टेंट मनीष नेगी, आबीएसके मैनेजर गीता शर्मा, कल्पना, हिमोग्लोबिनोपैथी प्रकोष्ठ से सुषमा मल्होत्रा, राजेश रावत, अनूप आदि उपस्थित रहे।

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