प्रभावितों के प्रतिकर को कोर्ट में साजिशन लटकाया जा रहा-चौहान

देहरादून।
आरोप टीएचडीसी कोर्ट में घसीट कर प्रभावितों को प्रतिकर से करना चाह रही वंचित
टीएचडीसी के इस रवैये को लेकर पीएम सहित केंद्रीय मंत्रियों को लिखा जायेगा पत्र
नई टिहरी, ।। बांध प्रभावित व विस्थापित कमजोर लोगों को बेवजह मुआवजे के लिए कोर्ट के चक्कर लगवाने के आरोप टीएचडीसी पर लगाते हुए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य खेम सिंह चौहान ने कहा कि इस तरह के कृत्यों पर केंद्र सरकार निर्देश देकर रोक लगाने का काम करे। इसके लिए प्रधानमंत्री व केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखा जायेगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने साथ में मौजूद बांध प्रभावित सिल्ला उप्पू के मूक-बधिर बहुत ही गरीब विधि दास पुत्र कलम दास का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि विस्थापन के बाद विधि दास का मकान का प्रतिकर टीएचडीसी ने नहीं दिया। जिसके चलते विधि दास पुर्नवास कोर्ट गये। 2016 में पुर्नवास कोर्ट के जज भरोसी लाल ने मामला सुनते हुए टीएचडीसी को 1 लाख 24 हजार 900 भुगतान के निर्देश दिये। देरी पर 7 प्रतिशत साधारण ब्याज देने को भी कहा। लेकिन टीएचडीसी ने हठधर्मिता अपनाते हुए 2017 में अपील में हाईकोर्ट गई। वहां पर भी हाई कोर्ट ने अपील को डिशमिश करते हुए प्रतिकर भुगतान के निर्देश दिये। इसके बाद हठधर्मिता के चलते टीएचडीसी हाईकोर्ट की डब्बल बैंच अपील पर गये। वहां पर अपील बीती 5 मई को खारिज हुई है। कोर्ट ने कड़े शब्दों में प्रतिकर भुगतान के निर्देश दिये हैं। इस तरह से टीएचडीसी गरीब बांध प्रभावितों व विस्थापितों को जानबुझ कर न्यायलयों में दौड़ाने का काम लाखों रूपये खर्च कर कर रही है। लेकिन मामूली प्रतिकर की राशि देने को राजी नहीं है। जिससे बांध प्रभावितों व विस्थापितों टीएचडीसी को लेकर रोष है। खेम सिंह चौहान व शीशराम थपलियाल का कहना है कि एक बार फिर बांध विस्थापन व प्रभावितों के मामलों के निस्तारण काम टीएचडीसी के जिम्मे है। ऐसे में केंद्र सरकार टीएचडीसी की इस तरह की हरकतों पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करे। ताकि बांध प्रभावितों व विस्थापितों को हक का प्रतिकर बिना न्यायलयों के झंझट के मिल सके। इसके लिए पीएम सहित केंद्र सरकार के मंत्रियों से पत्रचार किया जायेगा।

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